लेखनी कविता - चाचा नेहरू के गुलाब! - बालस्वरूप राही
चाचा नेहरू के गुलाब! / बालस्वरूप राही
ओ चाचा नेहरू के गुलाब,
तुम कितने किस्मत वाले थे।
रहते थे उनके पास सदा,
तुम तो थे उन खास अदा,
चाचा नेहरू की सजधज में
तुम सब से अलग निराले थे।
जो उन्हें देखते रहते थे,
वे तुम्हें देखते रहते थे।
नेहरू जी तुम्हें सजाए थे,
तुम उनकी महक संभाले थे।